Lata Mangeshkar feat. Bhupinder Singh - Saiyan Nikas Gaye Songtexte

Songtexte Saiyan Nikas Gaye - Lata Mangeshkar feat. Bhupinder Singh




रंग महल के दस दरवाज़े
रंग महल के दस दरवाज़े
ना जाने कौन सी खिड़की खुली थी
सैयाँ निकस गए, मैं ना लड़ी थी
सैयाँ निकस गए, मैं ना लड़ी थी
सर को झुकाए मैं तो चुपके खड़ी थी
सैयाँ निकस गए, मैं ना लड़ी थी
सैयाँ निकस गए, मैं ना लड़ी थी
पिया कौन गली गए शाम?
पिया कौन गली गए शाम?
मोरी सुद ना लीनी, हाय, राम
पिया कौन गली गए शाम?
अंग मेरे गहने, प्यासी उमरिया
अंग मेरे गहने, प्यासी उमरिया
जोगन हो गई मैं बिन साँवरिया
हाथों में मेरे मेहँदी रची थी
मेहँदी में मेरे अँसुवन की लड़ी थी
सैयाँ निकस गए, मैं ना लड़ी थी
सैयाँ निकस गए, मैं ना लड़ी थी
छोड़ पिया घर नेहर जाऊँ
छोड़ पिया घर नेहर जाऊँ
कौन दिहरी अब शीश झुकाऊँ?
कर सिंगार मैं दुल्हन बनी थी
असी दुल्हन से कुँवारी भली थी
सैयाँ निकस गए, मैं ना लड़ी थी
सैयाँ निकस गए, मैं ना लड़ी थी



Autor(en): Laxmikant Pyarelal, Patel Vitthalbhai


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