Manna Dey, Salil Chowdhary, Shailendra & Lata Mangeshkar - Dharti Kahe Pukaar Ke (From "Do Bigha Zamin") Songtexte

Songtexte Dharti Kahe Pukaar Ke (From "Do Bigha Zamin") - Lata Mangeshkar , Manna Dey , Shailendra




भाई रे
गंगा और जमुना की गहरी है धार
आगे या पीछे सबको जाना है पार
धरती कहे पुकार के
बीज बिचाळै प्यार के
मौसम बीता जाए
मौसम बीता जाए
(मौसम बीता जाए)
(मौसम बीता जाए)
अपनी कहानी छोड़ जा
कुछ तो निशानी छोड़ जा
कौन कहे इस और
तू फिर आये ना आये
(मौसम बीता जाए)
(मौसम बीता जाए)
(मौसम बीता जाए)
(मौसम बीता जाए)
तेरी राह में कलियों ने नैना बिछाये
डाली डाली कोयल काली तेरे गीत गाये
तेरे गीत गाये
अपनी कहानी छोड़ जा
कुछ तो निशानी छोड़ जा
कौन कहे इस और
तू फिर आये आये
(मौसम बीता जाए)
(मौसम बीता जाए)
भाई रे
नीला अम्बर मुस्काये
हर सांस तराने गाये
हाय तेरा दिल क्यों मुरझाये
हो हो हो हो
मन की बंसी पे
तू भी कोई धुन बजाले भाई
तू भी मुस्कुराले
अपनी कहानी छोड़ जा
कुछ तो निशानी छोड़ जा
कौन कहे इस और
तू फिर आये ना आये
भाई रे
भाई रे
भाई रे





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