Arijit Singh feat. Shreya Ghoshal - Woh Subah Hami Se Aayegi (From "Begum Jaan") - translation of the lyrics into Russian

Lyrics and translation Arijit Singh feat. Shreya Ghoshal - Woh Subah Hami Se Aayegi (From "Begum Jaan")




वो सुबह कभी तो आयेगी, वो सुबह कभी तो आयेगी
Это довольно красиво, мы ждали нового.
इन काली सदियों के सर से, जब रात का आंचल ढलकेगा
Песни, которые могут возвышать, очищать и подпитывать твое тело, разум и эмоции.
जब अम्बर झूम के नाचेगी, जब धरती नग़मे गाएगी
- Я не собираюсь есть.
वो सुबह कभी तो आयेगी ...
Это довольно красиво ...
जिस सुबह की खातिर जुग-जुग से,
Это прекрасно, что катье кувшин-кувшин се.
हम सब मर-मर के जीते हैं
Ветчина sub Mur-Mar K Jote Hai
जिस सुबह की अमृत की धुन में, हम ज़हर के प्याले पीते हैं
Любовь-когда в мрачные времена водовороты, где недостаточно Солнц, авантюристы подбирают среди теней улыбку сокровищ.
इन भूखी प्यासी रूहों पर, एक दिन तो करम फ़रमायेगी
И т.д., Мы пьем, пробегаем день, это Карри, обещание.
वो सुबह कभी तो आयेगी ...
Это довольно красиво ...
माना के अभी तेरे मेरे इन अरमानों की, कीमत कुछ नहीं
Вот почему никто не удовлетворил тебя в прошлом.
मिट्टी का भी है कुछ मोल मगर,
Мирай ка бхи хай куч ценит крокодила,
इनसानों की कीमत कुछ भी नहीं
В этом мире есть только любовь и нет ненависти, это только мы, абсолютно любящие каждую частичку нашей судьбы.
इनसानों की इज़्ज़त जब झूठे सिक्कों में ना तोली जायेगी
Как раз тогда, когда я родился.
वो सुबह कभी तो आयेगी ...
Это довольно красиво ...
दौलत के लिये अब औरत की, इस्मत को ना बेचा जायेगा
Я черная женщина.
चाहत को ना कुचला जायेगा, गैरत को ना बेचा जायेगा
Сегодня, почему они не приходят?
अपनी काली करतूतों पर, जब ये दुनिया शरमायेगी
Zee Marathi Jagruti
वो सुबह कभी तो आयेगी ...
Это довольно красиво ...
बीतेंगे कभी तो दिन आखिर, ये भूख और बेकारी के
Bategé Kabhi Kabhi Poora, come ke din, and unemployment ke.
टूटेंगे कभी तो बुत आखिर, दौलत की इजारेदारी की
Два пальца хватают, хватают, вставляют обратно.
अब एक अनोखी दुनिया की, बुनियाद उठाई जायेगी
Отношения между отцом и дочерью-это смешение эмоций, некоторые из них говорят, многие не говорят. она боится выразить свои чувства к нему, но он знает все.
वो सुबह कभी तो आयेगी ...
Это довольно красиво ...
मजबूर बुढ़ापा जब सूनी, राहों में धूल फेंकेगा
Больше нет частых болей в животе, больше нет проблем с проходящими движениями, больше нет головных болей в течение дня.
मासूम लड़कपन जब गंदी, गलियों में भीख ना माँगेगा
Я уверен, что этот город способен удивить.
हक माँगने वालों को, जिस दिन सूली दिखाई जायेगी
Я жду твоей любви, как ангел, Я сохраню свет в своем сердце.
वो सुबह कभी तो आयेगी ...
Это довольно красиво ...





Writer(s): KHAIYYAM, RAGHAV KAUSHAL, SAHIR LUDHIANVI, ANU MALIK, MALIK ANU


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