Lata Mangeshkar - Rula Ke Gaya Lyrics

Lyrics Rula Ke Gaya - Lata Mangeshkar




रुला के गया सपना मेरा
रुला के गया सपना मेरा
बैठी हूँ कब हो सवेरा
रुला के गया सपना मेरा
वोही है गम-ए-दिल
वोही हैं चन्दा, तारे
वोही हम बेसहारे
वोही है गम-ए-दिल
वोही हैं चन्दा, तारे
वोही हम बेसहारे
आधी रात वोही है और हर बात वोही है
फिर भी ना आया लूटेरा
रुला के गया सपना मेरा
बैठी हूँ कब हो सवेरा
रुला के गया सपना मेरा
कैसी ये जिन्दगी के साँसों से हम ऊबे
के दिल डूबा, हम डूबे
कैसी ये जिन्दगी के साँसों से हम ऊबे
के दिल डूबा, हम डूबे
एक दुखिया बेचारी इस जीवन से हारी
उस पर ये ग़म का अन्धेरा
रुला के गया सपना मेरा
बैठी हूँ कब हो सवेरा
रुला के गया सपना मेरा




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