Mahendra Kapoor - Muddat Ki Tamannaon Ka Sila Lyrics

Lyrics Muddat Ki Tamannaon Ka Sila - Mahendra Kapoor




मुद्दत की तमन्नाओ का सिला जज्बात को अब मिल जाने दो -२
जिस तरह मिली हैं दो रूंहे उस तरह से लब मिल जाने दो
मुद्दत की
सीने से हटा दो आँचल को, शाने से झटक दो जुल्फों को -२
शाने से झटक दो जुल्फों को
जाती हुई रंगीन घड़ियों को रुकने का सबब मिल जाने दो
मुद्दत की
इन पाक गुनाहों की घड़ियाँ, आती हैं मगर हर रात नहीं -२
आती हैं मगर हर रात नहीं
इस रात में सब खो जाने दो, इस रात में सब मिल जाने दो
मुद्दत की



Writer(s): Prayag Mehta, Rishab Joshi



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