Anup Jalota - Janam Tera текст песни

Текст песни Janam Tera - Anup Jalota




जनम तेरा बातों ही, बी.
गयो.
तुने, कबहुँ न, राम कह्यो.
रे तुने, कबहुँ कृष्ण कह्यो.
पां.
बरस का, भोला रे भा.
ला.
अब तो.
बीस भयो.
मकर पचीसी, माया कारनदेश विदेश गयो.
ती.
बरस की, जब मति उपजी.
नित नित, लोभ नयो.
माया जोरी, लाख करोरीअजहु प्रीत भयो.
वृद्ध भयो.
तब, आलस उपजी.
कफ नित, कंठ रह्यो.
संगति कबहूं, नाही कीन्हीबिरथा जनम लियो.
ये संसार मतलब का, लोभीझूठा, ठाठ रच्यो.
कहत कबी.
समछ मन मूरखतू क्यों भूल गयो.



Авторы: kiran chandra lal


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