Текст песни Bas Ek Waqt Ka Khanjar - Jagjit Singh
बस
एक
वक्त
का
खंजर
मेरी
तलाश
में
है
जो
रोज़
भेस
बदल
कर
मेरी
तलाश
में
हैं
मैं
कतरा
हूँ
मेरा
अलग
वजूद
तो
है
हुआ
करे
जो
समंदर
मेरी
तलाश
में
है
मैं
देवता
की
तरह
क़ैद
अपने
मंदिर
में
वो
मेरे
जिस्म
के
बाहर
मेरी
तलाश
में
है
मैं
जिसके
हाथ
में
एक
फूल
दे
के
आया
था
उसी
के
हाथ
का
पत्थर
मेरी
तलाश
में
है
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