Текст песни Din Dhal Jaye Haye - Mohammed Rafi
                                                दिन 
                                                ढल 
                                                जाये 
                                                हाय 
                                                रात 
                                                ना 
                                                जाय
 
                                    
                                
                                                तू 
                                                तो 
                                                    न 
                                                आए, 
                                                तेरी 
                                                याद 
                                                सताये
 
                                    
                                
                                                दिन 
                                                ढल 
                                                जाये 
                                                हाय 
                                                रात 
                                                ना 
                                                जाय
 
                                    
                                
                                                तू 
                                                तो 
                                                    न 
                                                आए, 
                                                तेरी 
                                                याद 
                                                सताये
 
                                    
                                
                                                दिन 
                                                ढल 
                                                जाये
 
                                    
                                
                                                प्यार 
                                                में 
                                                जिनके 
                                                सब 
                                                जग 
                                                छोड़ा 
                                                और 
                                                हुए 
                                                बदनाम
 
                                    
                                
                                                उनके 
                                                ही 
                                                हाथों 
                                                हाल 
                                                हुआ 
                                                ये
 
                                    
                                
                                                बैठे 
                                                हैं 
                                                दिल 
                                                को 
                                                थाम
 
                                    
                                
                                                अपने 
                                                कभी 
                                                थे, 
                                                अब 
                                                हैं 
                                                पराये
 
                                    
                                
                                                दिन 
                                                ढल 
                                                जाये 
                                                हाय 
                                                रात 
                                                ना 
                                                जाय
 
                                    
                                
                                                तू 
                                                तो 
                                                    न 
                                                आए, 
                                                तेरी 
                                                याद 
                                                सताये
 
                                    
                                
                                                दिन 
                                                ढल 
                                                जाये
 
                                    
                                
                                                ऐसी 
                                                ही 
                                                रिम-झिम
 
                                    
                                
                                                ऐसी 
                                                फुहारें
 
                                    
                                
                                                ऐसी 
                                                ही 
                                                थी 
                                                बरसात
 
                                    
                                
                                                खुद 
                                                से 
                                                जुदा 
                                                और 
                                                जग 
                                                से 
                                                पराये
 
                                    
                                
                                                हम 
                                                दोनों 
                                                थे 
                                                साथ
 
                                    
                                
                                                फिर 
                                                से 
                                                वो 
                                                सावन
 
                                    
                                
                                                अब 
                                                क्यूँ 
                                                    न 
                                                आये
 
                                    
                                
                                                दिन 
                                                ढल 
                                                जाये 
                                                हाय 
                                                रात 
                                                ना 
                                                जाय
 
                                    
                                
                                                तू 
                                                तो 
                                                    न 
                                                आए, 
                                                तेरी 
                                                याद 
                                                सताये
 
                                    
                                
                                                दिन 
                                                ढल 
                                                जाये
 
                                    
                                
                                                दिल 
                                                के 
                                                मेरे 
                                                पास 
                                                हो 
                                                इतने
 
                                    
                                
                                                फिर 
                                                भी 
                                                हो 
                                                कितनी 
                                                दूर
 
                                    
                                
                                                तुम 
                                                मुझ 
                                                से 
                                                मैं 
                                                दिल 
                                                से 
                                                परेशाँ
 
                                    
                                
                                                दोनों 
                                                हैं 
                                                मजबूर
 
                                    
                                
                                                ऐसे 
                                                में 
                                                किसको 
                                                कौन 
                                                मनाये
 
                                    
                                
                                                दिन 
                                                ढल 
                                                जाये 
                                                हाय 
                                                रात 
                                                ना 
                                                जाय
 
                                    
                                
                                                तू 
                                                तो 
                                                    न 
                                                आए, 
                                                तेरी 
                                                याद 
                                                सताये
 
                                    
                                
                                                दिन 
                                                ढल 
                                                जाये
 
                                    
                                
                            1 Piya Tose Naina Laage Re
2 Din Dhal Jaye Haye
3 Wahan Kaun Hai Tera Musafir
4 Allah Megh De Paani De Re
5 Aaj Phir Jeene Ki Tamanna Hai
6 Tere Mere Sapne Ab Ek Rang Hain (with Dialogues)
7 Jis Jagah Ko Dekh Kar Parmatma Ki Yaad Aaye - Dialogues
8 Na Sukh Hai Na Dukh Hai - Dialogues
9 Saiyan Be Imaan
10 Tere Mere Sapne Ab Ek Rang Hain
11 Kya Se Kya Ho Gaya Bewafa
12 He Ram
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