Arijit Singh - Khol De Par Lyrics

Lyrics Khol De Par - Arijit Singh



आठ समंदर अपना अम्बर
खोज ले अब तू अपने दम पर
फूंक मार के धूल झाड़ ले
छोड़ छाड़ के सारे छप्पर
आठ समंदर अपना अम्बर
खोज ले अब तू अपने दम पर
फूंक मार के धूल झाड़ ले
छोड़ छाड़ के सारे छप्पर
खोल दे पर, खोल दे पर
खोल दे पर, खोल दे पर
खोल दे पर, खोल दे पर
खोल दे पर, खोल दे पर
रटी रटाई सारी छोड़ो भी दुनियादारी
रटी रटाई सारी छोड़ो भी दुनियादारी
बागी तेवर जो तेरे बोलेंगे सब अनाड़ी
सबको मनाने की तेरी नहीं ज़िम्मेदारी
ऊंचे आसमानों पे लिख दे तू हिस्सेदारी
खोल दे पर, खोल दे पर
खोल दे पर, खोल दे पर
खोल दे पर, खोल दे पर
खोल दे पर, खोल दे पर
बंद घड़ी की भी रुकी हुयी सुई
होती सही दो दफा (होती सही दो दफा)
चुप क्यों है रहना
मन का तू कह ना
रोके चाहे हिचकियां (रोके चाहे हिचकियां)
आठ समंदर अपना अम्बर
खोज ले अब तू अपने दम पर
फूंक मार के धूल झाड़ ले
छोड़ छाड़ के सारे छप्पर
खोल दे पर, खोल दे पर
खोल दे पर, खोल दे पर
खोल दे पर, खोल दे पर
खोल दे पर, खोल दे पर



Writer(s): RAJ SHEKHAR, JASLEEN ROYAL


Arijit Singh - Best of Arijit Singh
Album Best of Arijit Singh
date of release
15-07-2019




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