Ghulam Ali - Kal Chaudhvin Ki Raat Thi - Live Lyrics

Lyrics Kal Chaudhvin Ki Raat Thi - Live - Ghulam Ali



कल चौदहवीं की रात थी
शब भर रहा चर्चा तेरा
कल चौदहवीं की रात थी
कुछ ने कहा ये चाँद है
कुछ ने कहा, चेहरा तेरा
कल चौदहवीं की रात थी
हम भी वहीँ, मौजूद थे
हम से भी सब पुछा किए
हम हंस दिए, हम चुप रहे
मंज़ूर था परदा तेरा
इस शहर में किस्से मिलें
हम से तो छूटी महफिलें
हर शख्स तेरा नाम ले
हर शख्स दीवाना तेरा
कूचे को तेरे छोड़ कर
जोगी ही बन जायें मगर
जंगल तेरे, पर्वत तेरे
बस्ती तेरी, सेहरा तेरा
बेदर्द सुन्नी हो तो चल
कहता है क्या अच्छी ग़ज़ल
आशिक तेरा, रुसवा तेरा
शायर तेरा, इंशा तेरा



Writer(s): Jagjit Singh, Ibn-e-insha (emi Pak)


Ghulam Ali - Live In India, Vol. 2
Album Live In India, Vol. 2
date of release
01-01-2005




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