Anup Jalota - Shiv Ki Bhakti Shiv Ki Shakti текст песни

Текст песни Shiv Ki Bhakti Shiv Ki Shakti - Anup Jalota



शिव की भक्ति, शिव की शक्ति
जीवन में जब जाए
शिव की भक्ति शिव की शक्ति
जीवन में जब जाए
सुख विहीन मन रस विहीन मन
सुख विहीन मन रस विहीन मन
पल में नव रास पा जाए
शिव की भक्ति शिव की शक्ति
जीवन में जब जाए
शिव की भक्ति शिव की शक्ति
सकल देवताओं में बंदित
शिव सा दूजा और नहीं
सकल देवताओं में बंदित
शिव सा दूजा और नहीं
शिव चरणों में मिले सहारा
जिसका कोई और नहीं
शिव सुमिरन में धयान लागले
शिव सुमिरन में धयान लागले
मन रे तेरा क्या जाए
शिव की भक्ति शिव की शक्ति
जीवन में जब जाए
शिव की भक्ति शिव की शक्ति
पावन पावन शिव का सुमिरन, शिव अविनाशी इस भव में
पावन पावन शिव का सुमिरन, शिव अविनाशी इस भव में
रिद्धि-सिद्धि समृद्धि में शिव जग के हर वैभव में
गंगाधर के साथ ह्रदय भी
गंगाधर के साथ ह्रदय भी
शिव शिव में रमता जाएं
शिव की भक्ति शिव की शक्ति
जीवन में जब आजाए
शिव की भक्ति शिव की शक्ति
काशी हो या हरिद्वार हो
शिव के स्वर से गूँजित हैं
काशी हो या हरिद्वार हो
शिव के स्वर से गुंजित हैं
महादेव का नाम जगत में सर्वविधित हैं
गुंजित हैं
जो हैं योगी जो सन्यासी
जो हैं योगी जो सन्यासी
शिव ही शिव कहता जाएं
शिव की भक्ति शिव की शक्ति
जीवन में जब आजाए
शिव की भक्ति शिव की शक्ति



Авторы: JOHRI RAJESH, ANUP JALOTA


Anup Jalota - Bhajan Samrat
Альбом Bhajan Samrat
дата релиза
01-11-2013




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