Asha Bhosle - Mera Kuchh Saamaan (From "Ijaazat") Songtexte

Songtexte Mera Kuchh Saamaan (From "Ijaazat") - Asha Bhosle




मेरा कुछ सामान तुम्हारे पास पड़ा है
सावन के कुछ भीगे-भीगे दिन रखे हैं
और मेरे इक खत में लिपटी राख पड़ी है
वो राख बुझा दो, मेरा वो सामान लौटा दो
मेरा कुछ सामान...
पतझड़ में कुछ पत्तों के, गिरने की आहट
कानों में इक बार पहन के लौटाई थी
पतझड़ की वो शाख अभी तक कांप रही है
वो शाख गिरा दो, मेरा वो सामान लौटा दो
इक अकेली छतरी में जब आधे-आधे भीग रहे थे
आधे सूखे, आधे गीले, सुखा तो मैं ले आयी थी
गीला मन शायद बिस्तर के पास पड़ा हो
वो भिजवा दो, मेरा वो सामान लौटा दो
एक सौ सोलह चांद की रातें, एक तुम्हारे कांधे का तिल
गीली मेंहदी की खुशबू, झुठमूठ के शिकवे कुछ
झूठमूठ के वादे भी सब याद करा दूँ
सब भिजवा दो, मेरा वो सामान लौटा दो
एक इजाज़त दे दो बस, जब इसको दफ़नाऊँगी
मैं भी वहीं सो जाऊंगी, मैं भी वहीं सो जाऊंगी



Autor(en): GULZAR, RAHUL DEV BURMAN


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