Lata Mangeshkar & M.G.Shreekumar - Jiya Jale Songtexte

Songtexte Jiya Jale - Lata Mangeshkar & M.G.Shreekumar




जिया जले जान जले
जिया जले जान जले नैनों तले धुआं चले धुआं चले
जिया जले जान जले नैनों तले धुआं चले धुआं चले
रात भर धुआं चले जानूं ना जानूं ना जानूं ना सखी री
जिया जले जान जले नैनों तले धुआं चले धुआं चले
रात भर धुआं चले जानूं ना जानूं ना जानूं ना सखी री
जिया जले जान जले
देखते हैं तन मेरा मन में चुभती है नज़र
देखते हैं तन मेरा मन में चुभती है नज़र
होंठ सिल जाते उनके नर्म होठों से मगर
गिनती रेहती हूँ मैं अपनी करवटों के सिलसिले
क्या करूँ कैसे कहूँ रात कब कैसे ढले
जिया जले जान जले नैनों तले धुआं चले धुआं चले
रात भर धुआं चले जानूं ना जानूं ना जानूं ना सखी री
जिया जले जान जले नैनों तले धुआं चले धुआं चले
रात भर धुआं चले जानूं ना जानूं ना जानूं ना सखी री
जिया जले जान जले
अंग अंग में जलती हैं दर्द की चिंगारियाँ
मसले फूलों की मेहक में तितलियों की क्यारियाँ
रात भर बेचारी मेहँदी पिसती है पैरों तले
क्या करूँ कैसे कहूँ रात कब कैसे ढले
जिया जले जान जले नैनों तले (धुआं चले धुआं चले)
धुआं चले (रात भर धुआं चले जानूं ना जानूं ना जानूं ना सखी री)
(जिया जले जान जले नैनों तले धुआं चले धुआं चले
(रात भर धुआं चले जानूं ना जानूं ना जानूं ना सखी री) जिया जले जान जले
जिया जले जान जले



Autor(en): Gulzar




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