Lata Mangeshkar - Panchhi Banoo Udti Phiroon Songtexte

Songtexte Panchhi Banoo Udti Phiroon - Lata Mangeshkar




पंछी बनू उड़ती फिरू
मस्त गगन में
आज मैं आज़ाद हूँ
दुनियाँ के चमन में
पंछी बनू उड़ती फिरू
मस्त गगन में
आज मैं आज़ाद हूँ
दुनियाँ के चमन में
हिल्लोरी हिल्लोरी
हिल्लो हिल्लो हिल्लोरी
ओ मेरे जीवन में
चमका सवेरा
ओ मिटा दिल से वो
ग़म का अंधेरा
ओ हरे खेतों में
गाये कोई लहरा
ओ यहाँ दिल पर
किसी का ना पहरा
रंग बहारों ने भरा
मेरे जीवन में
रंग बहारों ने भरा
मेरे जीवन में
आज मैं आज़ाद हूँ
दुनियाँ के चमन में
पंछी बनू उड़ती फिरू
मस्त गगन में
आज मैं आज़ाद हूँ
दुनियाँ के चमन में
ओ दिल ये चाहे
बहारों से खेलूँ
ओ गोरी नदियाँ की
धारों से खेलूँ
ओ चाँद, सूरज
सितारों से खेलूँ
ओ अपनी बाहों में
आकाश ले लूँ
बढ़ती चलू गाती चलू
अपनी लगन में
बढ़ती चलू गाती चलू
अपनी लगन में
आज मैं आज़ाद हूँ
दुनियाँ के चमन में
पंछी बनू उड़ती फिरू
मस्त गगन में
आज मैं आज़ाद हूँ
दुनियाँ के चमन में
ओ मैं तो ओढूंगी
बादल का आँचल
ओ मैं तो पहनुँगी
बिजली की पायल
ओ छिन लूँगी
घटाओं से काजल
ओ मेरा जीवन हैं
नदियाँ की हलचल
दिल से मेरे लहर उठे
ठंडी पवन में
दिल से मेरे लहर उठे
ठंडी पवन में
आज मैं आज़ाद हूँ
दुनियाँ के चमन में
पंछी बनू उड़ती फिरू
मस्त गगन में
आज मैं आज़ाद हूँ
दुनियाँ के चमन में



Autor(en): JAIPURI HASRAT, JAIKSHAN SHANKAR, SHANKAR JAIKISHAN


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