Shabbir Kumar - Aag Ka Gola Songtexte

Songtexte Aag Ka Gola - Shabbir Kumar




जब यु सपनो का शीश महल
आँखों के सामने जल जाये
इस हालात में इंसान तो क्या
पत्थर का कलेजा फट जाये
पत्थर का कलेजा फट जाये
जीवन किस लगती रहो में
कुछ ऐसे मोड़ भी आते हैं
हालात से कुछ पल के लिए
कभी कहीं तोड़ भी जाते हैं
जो गिर कर यहाँ संभालते हैं
पर राश्ता नहीं बदलते हैं
बनते बनते एक दिन
वह इंसान बन जाता हैं
आग का गोला आग का गोला
आग का गोला आग का गोला.



Autor(en): BAPPI LAHIRI, ANJAAN



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