Shreya Ghoshal - Silsila Ye Chahat Ka - From "Devdas" Songtexte

Songtexte Silsila Ye Chahat Ka - From "Devdas" - Shreya Ghoshal




मौसम ने ली अंगड़ाई, आई-आई
लहरा के बरखा फिर छाई, छाई-छाई
झोंका हवा का आएगा, और ये दीया बुझ जाएगा
सिलसिला ये चाहत का ना मैंने बुझने दिया
हो, hmm
सिलसिला ये चाहत का ना मैंने बुझने दिया
ओ, पिया, ये दीया
ना बुझा है, ना बुझेगा मेरी चाहत का दीया
मेरे पिया, अब आजा रे, मेरे पिया
हो, मेरे पिया, अब आजा रे, मेरे पिया
इस दीए संग जल रहा मेरा रोम, रोम, रोम
और जिया, अब आजा रे, मेरे पिया
हो, मेरे पिया, अब आजा रे, मेरे पिया
फ़ासला था, दूरी थी
फ़ासला था, दूरी थी, था जुदाई का आलम
इंतज़ार में नज़रें थी और तुम वहाँ थे
तुम वहाँ थे, तुम वहाँ थे, झिलमिलाते, जगमगाते
खुशियों में झूम कर
और यहाँ जल रहे थे हम
और यहाँ जल रहे थे हम
फिर से बादल गरजा है
गरज-गरज के बरसा है
झूम के तूफ़ाँ आया है
पर तुझ को बुझा नहीं पाया है
ओ, पिया, ये दीया
चाहे जितना सताए तुझे ये सावन
ये हवा और ये बिजलियाँ
मेरे पिया, अब आजा रे, मेरे पिया
हो, मेरे पिया, अब आजा रे, मेरे पिया
देखो ये पगली, दीवानी
दुनिया से है ये अनजानी
झोंका हवा का आएगा
और इसका पिया संग लाएगा
हो, पिया
अब आजा रे, मेरे पिया
सिलसिला ये चाहत का ना दिल से बुझने दिया
ओ, पिया, ये दीया
सिलसिला ये चाहत का ना दिल से बुझने दिया
ओ, पिया, ये दीया
पिया, पिया, पिया



Autor(en): Ismail Darbar, Nusrat Badr


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