Lyrics Naina - Arijit Singh , Aamir Khan
झूठा
जग
रैन
बसेरा,
साँचा
दर्द
मेरा
मृग-तृष्णा
सा
मोह
पिया,
नाता
मेरा-तेरा
नैना,
जो
सांझे
ख्वाब
देखते
थे
नैना,
बिछड़
के
आज
रो
दिए
है
यूँ
नैना,
जो
मिल
के
रात
जागते
थे
नैना,
सहर
में
पलकें
मीचते
है
यूँ
जुदा
हुवे
कदम,
जिन्होने
ली
थी
ये
कसम
मिलके
चलेंगे
हरदम,
अब
बाँटते
है
ये
ग़म
भीगे
नैना,
जो
खिड़कीयों
से
झांकते
थे
नैना,
घुटन
में
बंद
हो
गए
है
यूँ
साँस
हैरान
है,
मन
परेशान
है
हो
रही
सी
क्यूँ
रुआंसा
ये
मेरी
जान
है?
क्यूँ
निराशा
से
है
आस
हारी
हुई?
क्यूँ
सवालों
का
उठा
सा
दिल
में
तूफान
है?
नैना,
थे
आसमां
के
सितारे
नैना,
ग्रहण
में
आज
टूटते
है
यूँ
नैना,
कभी
जो
धूप
सेंकते
थे
नैना,
ठहर
के
छाँव
ढूँढते
है
यूँ
जुदा
हुवे
कदम,
जिन्होने
ली
थी
ये
कसम
मिलके
चलेंगे
हरदम,
अब
बाँटते
है
ये
ग़म
भीगे
नैना,
जो
सांझे
ख्वाब
देखते
थे
नैना,
बिछड़
के
आज
रो
दिए
है
यूँ
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