Arijit Singh - Har Kisi Ko Lyrics

Lyrics Har Kisi Ko - Arijit Singh




दो लफ्ज़ की है
बात एक ही है
क्यूं दरमियां फिर रुकी रुकी
केह भी ना पाएं
रेह भी ना पाएं
क्यूं बेवजह है ये बेबसी
तुममें हम हैं हममें तुम हो
तुमसे हम हैं
हमसे तुम हो
किस्मतों से मिलते हैं दो दिल यहां
हर किसी को नहीं मिलता
यहां प्यार ज़िंदगी में
हर किसी को नहीं मिलता
यहां प्यार ज़िंदगी में
ख़ुशनसीब हैं हम
जिनको है मिली
ये बहार ज़िंदगी में
हर किसी को नहीं मिलता
यहां प्यार ज़िंदगी में
प्यार ना हो तो ज़िंदगी क्या है
यार ना हो तो बंदगी क्या है
प्यार ना हो तो ज़िंदगी क्या है
यार ना हो तो बंदगी क्या है
तुझसे ही हर ख़ुशी है
तेरे दम से आशिकी है जान ले
मिल जाए हम तो
सबकुछ सही है
फिर इस तरह क्यूं हैं अजनबी
तुममें हम हैं हम में तुम हो
तुमसे हम हैं
हमसे तुम हो
किस्मतों से मिलते हैं दो दिल यहां
हर किसी को नहीं मिलता
यहां प्यार ज़िंदगी में
हर किसी को नहीं मिलता
यहां प्यार ज़िंदगी में
तू मोहब्बत है इश्क़ है मेरा
इक ईबादत है साथ ये तेरा
तू मोहब्बत है इश्क़ है मेरा
इक ईबादत है साथ ये तेरा
जब दिल से दिल मिले हैं
फिर क्यूं ये फ़ासले हैं इस तरह
बोल दे तू, या बोल दूं मैं
कब तक छुपायें ये बेखुदी
तुममें हम हैं हम में तुम हो
तुमसे हम हैं
हमसे तुम हो
किस्मतों से मिलते हैं दो दिल यहां
हर किसी को नहीं मिलता
यहां प्यार ज़िंदगी में
हर किसी को नहीं मिलता
यहां प्यार ज़िंदगी में



Writer(s): MANOJ YADAV, CHIRANTAN BHATT, ANAND BAKSHI, KALYANJI VIRJI SHAH, ANANDJI V. SHAH


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