Lyrics Fursat Hai Aaj Bhi - Arjun Kanungo
भूलना
क्या?
भुलाना
क्या?
रूठना
क्या?
मनाना
क्या?
दिल
को
बहलाने
का
और
बस
है
बहाना
क्या?
ज़िंदगी
का
ठिकाना
क्या?
दिल
कभी
था
सयाना
क्या?
रूह
में
तू
है
महफ़ूज़
फिर
तेरा
जाना
क्या?
Hmm,
तुझे
खोया
नहीं
था
कभी
तू
है
यहीं
कहीं
आज
भी
फ़ुरसत
का
जो
हर
लमहा
है
मुझसे
बस
ये
कहता
है
आदत
तेरी
बातों
की
आज
भी
हाँ,
आज
भी
तेरी
आँखों
ने
जो
देखे
थे
मेरी
आँखों
में
वो
सपने
हैं
सरहद
नहीं
ख़्वाबों
की
आज
भी
तू
है
आज
भी
बिन
बुलाए
ये
आना
क्या?
आ
गए
तो
है
जाना
क्या?
तेरी
यादों
से
बेहतर
है
दिल
का
ठिकाना
क्या?
तेरे-मेरे
वो
पल
मीठे
कम
लगे
साथ
जो
बीते
पर
तू
है
दूर,
ये
मेरी
आँखों
ने
माना
क्या?
Hmm,
तुझे
भूला
नहीं
था
कभी
तू
है
मेरे
क़रीब
आज
भी
फ़ुरसत
का
जो
हर
लमहा
है
मुझसे
बस
ये
कहता
है
आदत
तेरी
बातों
की
आज
भी
Hmm,
आज
भी
तेरी
आँखों
ने
जो
देखे
थे
मेरी
आँखों
में
वो
सपने
हैं
सरहद
नहीं
ख़्वाबों
की
आज
भी
तू
है
आज
भी
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