Lyrics Na Tu Thi Sahi - B-Leaf
चलिए
शुरू
करते
है
जो
तू
होती
मेरी
तो
मेरी
चाहत
होती
जो
संग
रहे
वो
तो
मेरे
मन
की
राहत
होती
वो
दूर
है
मजबूर
है
है
उसकी
खुद
की
हस्सी
ना
जाने
वो
पहचाने
वो
क्या
चीज़ें
हैं
तेरी
फसी
थिरखतें
हैं
मेरी
उँगलियों
पर
सुरों
के
ये
खेल
और
तेरी
हसी
जो
ना
हो
कोई
करवट
ना
तू
थी
कही
ना
तू
थी
सही
जो
मजबूर
ना
हो
हाथ
मेरे
तो
लिखदूं
कहीं
किस्से
जो
ना
सुन
सके
तू
होंठ
अपने
सिलदूँ
कहीं
(अब
दिन
ढले
कहदूँ
तुझसे
मैं
वो
बातें
अनकही
पर
अब
भी
डर
लगता
है
के
कहीं
खोदूँ
मैं
तुझको
नहीं)
वो
दूर
है
मजबूर
है
है
उसकी
खुद
की
हस्सी
ना
जाने
वो
पहचाने
वो
क्या
चीज़ें
हैं
तेरी
फसी
थिरखतें
हैं
मेरी
उँगलियों
पर
सुरों
के
ये
खेल
और
तेरी
हस्सी
जो
ना
हो
कोई
करवट
ना
तू
थी
कही
ना
तू
थी
सही
थिरखतें
हैं
मेरी
उँगलियों
पर
सुरों
के
ये
खेल
और
तेरी
हस्सी
जो
ना
हो
कोई
करवट
ना
तू
थी
कही
ना
तू
थी
सही
सब
स्कैम
है
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