Prashant Beybaar - Mitti Ke Ghar Lyrics

Lyrics Mitti Ke Ghar - Beybaar Prashant



बारिश किसी की है रोमानी
कोई बादल से रूठे रहते हैं
उनको क्यूँ हो सावन बैरी
जिनके घर मिट्टी के होते हैं
दिल के छाते में अरमान ढके
हथेली सर पे रक्खे रहते हैं
नहीं उनकी कोई ख़्वाहिश करारी
ख़्वाब गीली लकीरों में सोते हैं
तिनका-तिनका घास जोड़कर
सूखा घरोंदा बुनते रहते हैं
वो आटा सीने पे बाँधके चलते
जिनके गीले निवाले होते हैं
इक टपटपाती छत के नीचे
कुछ गीले बच्चे सोते हैं
झम-झम में भी सूखा जीवन
जिनके घर मिट्टी के होते हैं



Writer(s): Beybaar Prashant


Prashant Beybaar - Feeling Dareeche
Album Feeling Dareeche
date of release
04-02-2022



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