Deepak Pandit - Hazaron Khwahishen Aisi - Vocals Lyrics

Lyrics Hazaron Khwahishen Aisi - Vocals - Deepak Pandit



हज़ारों ख़्वाहिशें ऐसी, के हर ख़्वाहिश पे दम निकले
बहुत निकले मेरे अरमान, लेकिन फिर भी कम निकले
निकलना खुल्द से आदम का सुनते आए हैं लेकिन
बहुत बेआबरू होकर तेरे कूचे से हम निकले
मुहब्बत में नहीं है फ़र्क जीने और मरने का
उसी को देखकर जीते हैं, जिस क़ाफ़िर पे दम निकले
हज़ारों ख़्वाहिशें ऐसी, के हर ख़्वाहिश पे दम निकले
बहुत निकले मेरे अरमान, लेकिन फिर भी कम निकले
ख़ुदा के वास्ते पर्दा काबे इसे उठा ज़ालिम
कहीं ऐसा ना हो याँ भी वही क़ाफ़िर सनम निकले
कहाँ मयखाने का दरवाज़ा 'ग़ालिब' और कहाँ वाइज़
पर इतना जानते हैं कल वो जाता था के हम निकले
हज़ारों ख़्वाहिशें ऐसी, के हर ख़्वाहिश पे दम निकले
बहुत निकले मेरे अरमान, लेकिन फिर भी कम निकले



Writer(s): Mirza Ghalib, Deepak Pandit, Jagjit Singh


Deepak Pandit - Instrumental - Best of Jagjit Singh
Album Instrumental - Best of Jagjit Singh
date of release
31-08-2012




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