Jagjit Singh - Bahut Khoobsurat (From "Vadh") Lyrics

Lyrics Bahut Khoobsurat (From "Vadh") - Jagjit Singh




बहोत ख़ूबसूरत हैं आँखें तुम्हारी
बहोत ख़ूबसूरत हैं आँखें तुम्हारी
अगर हो इनायत जान-ए-मोहब्बत
बना दीजिए इनको किस्मत हमारी
बहोत ख़ूबसूरत हैं आँखें तुम्हारी
जो सबसे जुदा है, वो अंदाज़ हो तुम
छुपा था जो दिल में, वो ही राज़ हो तुम
जो सबसे जुदा है, वो अंदाज़ हो तुम
छुपा था जो दिल में, वो ही राज़ हो तुम
तुम्हारी नज़ाकत, बनी जबसे चाहत
सुकूँ बन गई है हर इक बेक़रारी
बहोत ख़ूबसूरत हैं आँखें तुम्हारी
थे जब तलक तुम, हमारी नज़र में
था चाँद शब में, सूरज सहर में
थे जब तलक तुम, हमारी नज़र में
था चाँद शब में, सूरज सहर में
तुम्हारी इजाज़त तुम्हारी हुकूमत
ये सारा गगन है, ये धरती है सारी
बहोत ख़ूबसूरत हैं आँखें तुम्हारी
बहोत ख़ूबसूरत हैं आँखें तुम्हारी
अगर हो इनायत जान-ए-मोहब्बत
बना दीजिए इनको किस्मत हमारी
बहोत ख़ूबसूरत हैं आँखें तुम्हारी
ख़ूबसूरत हैं आँखें तुम्हारी
बहोत ख़ूबसूरत हैं आँखें तुम्हारी
ख़ूबसूरत हैं आँखें तुम्हारी




Attention! Feel free to leave feedback.