Lyrics Bahut Pahele Se Un Kadmo Ki Aahat Jaan Lete Hain - Jagjit Singh
बहुत
पहले
से
उन
क़दमों
की
आहट
जान
लेते
हैं
तुझे
ऐ
ज़िन्दगी
हम
दूर
से
पहचान
लेते
हैं
तबीयत
अपनी
घबराती
है
जब
सुनसान
रातों
में
हम
ऐसे
में
तेरी
यादों
की
चादर
तान
लेते
हैं
मेरी
नज़रें
भी
ऐसे
क़ातिलों
का
जान-ओ-ईमान
है
निगाहें
मिलते
ही
जो
जान
और
ईमान
लेते
हैं
(नज़रें:
eyes,
glances;
क़ातिल:
murderer;
जान-ओ-ईमान:
life
and
belief)
′फिराक़'
बदल
कर
भेष
मिलता
है
कोई
क़ाफ़िर
कभी
हम
जान
लेते
हैं
कभी
पहचान
लेते
हैं
(क़ाफ़िर:
non-believer)
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