Various Artists - Dard Apna Likh Na Payee Lyrics

Lyrics Dard Apna Likh Na Payee - Edgar Oceransky , Tarang Nagi




दर्द अपना लिख ना पाए, ऊँगलियाँ जलती रहीं
दर्द अपना लिख ना पाए, ऊँगलियाँ जलती रहीं
रस्मों के पहरे में दिल की, चिट्ठियाँ जलती रहीं
दर्द अपना लिख ना पाए, ऊँगलियाँ जलती रहीं
ज़िन्दगी की महफ़िलें सजती रही हर पल मगर
ज़िन्दगी की महफ़िलें सजती रही हर पल मगर
मेरे कमरे में मेरी तन्हाईयाँ जलती रहीं
तन्हाईयाँ जलती रहीं
दर्द अपना लिख ना पाए, ऊँगलियाँ जलती रहीं
बारिशों के दिन गुज़ारे गर्मियाँ भी कट गईं
बारिशों के दिन गुज़ारे गर्मियाँ भी कट गईं
पूछ मत हमसे के कैसे सर्दियाँ जलती रहीं
सर्दियाँ जलती रहीं
दर्द अपना लिख ना पाए, ऊँगलियाँ जलती रहीं
तुम तो बादल थे हमें तुमसे बड़ी उम्मीद थी
तुम तो बादल थे हमें तुमसे बड़ी उम्मीद थी
उड़ गये बिन बरसे तुम भी बस्तियाँ जलती रहीं
बस्तियाँ जलती रहीं
दर्द अपना लिख ना पाए, ऊँगलियाँ जलती रहीं
रस्मों के पहरे में दिल की, चिट्ठियाँ जलती रहीं
दर्द अपना लिख ना पाए, ऊँगलियाँ जलती रहीं



Writer(s): VIVEK PRAKASH, MADAN PAL


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