Lyrics Dard Apna Likh Na Payee - Edgar Oceransky , Tarang Nagi
दर्द
अपना
लिख
ना
पाए,
ऊँगलियाँ
जलती
रहीं
दर्द
अपना
लिख
ना
पाए,
ऊँगलियाँ
जलती
रहीं
रस्मों
के
पहरे
में
दिल
की,
चिट्ठियाँ
जलती
रहीं
दर्द
अपना
लिख
ना
पाए,
ऊँगलियाँ
जलती
रहीं
ज़िन्दगी
की
महफ़िलें
सजती
रही
हर
पल
मगर
ज़िन्दगी
की
महफ़िलें
सजती
रही
हर
पल
मगर
मेरे
कमरे
में
मेरी
तन्हाईयाँ
जलती
रहीं
तन्हाईयाँ
जलती
रहीं
दर्द
अपना
लिख
ना
पाए,
ऊँगलियाँ
जलती
रहीं
बारिशों
के
दिन
गुज़ारे
गर्मियाँ
भी
कट
गईं
बारिशों
के
दिन
गुज़ारे
गर्मियाँ
भी
कट
गईं
पूछ
मत
हमसे
के
कैसे
सर्दियाँ
जलती
रहीं
सर्दियाँ
जलती
रहीं
दर्द
अपना
लिख
ना
पाए,
ऊँगलियाँ
जलती
रहीं
तुम
तो
बादल
थे
हमें
तुमसे
बड़ी
उम्मीद
थी
तुम
तो
बादल
थे
हमें
तुमसे
बड़ी
उम्मीद
थी
उड़
गये
बिन
बरसे
तुम
भी
बस्तियाँ
जलती
रहीं
बस्तियाँ
जलती
रहीं
दर्द
अपना
लिख
ना
पाए,
ऊँगलियाँ
जलती
रहीं
रस्मों
के
पहरे
में
दिल
की,
चिट्ठियाँ
जलती
रहीं
दर्द
अपना
लिख
ना
पाए,
ऊँगलियाँ
जलती
रहीं

1 Kab Tak Dil Ki Khair
2 Ye Aasmaan
3 Naam Likh Kar
4 Maahi Rokna Aaj (Geet)
5 Shamma Jalti Rahi (Nazam)
6 Yeh Dil Jo Pyarka
7 Haath Chhute Bhi
8 Dard Apna Likh Na Payee
9 Har Ek Faisla Har Imtehaan
10 Phool Khila De
11 Gudiya Tujh Par Ik Pal
12 Yun Sajaa Chand
13 Tere Gham Ko
14 Ghazab Kiya
15 Aap Ka Aitbaar
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