Lyrics Hamein Jeetna Hai - Kailash Kher
मेरा
वतन
आबाद
हो,
मेरा
वतन
आबाद
रहे
गूँजेगी
फिर
गुरबानी,
आज़ाँ
की
होगी
रवानी
गूँजेगी
फिर
गुरबानी,
आज़ाँ
की
होगी
रवानी
गुज़रेगी
रात
ये
काली,
रौशन
होगी
दिवाली
सब
कुछ
बदल
जाएगा,
आने
वाला
कल
आएगा
हमें
जीतना
हैं,
हमें
जीतना
हैं
खुद
से
ही
खुदको
हमें
जीतना
हैं
हमें
जीतना
हैं,
हमें
जीतना
हैं
खुद
से
ही
खुदको
हमें
जीतना
हैं
महकेगी
खेत
की
मिट्टी,
पहुँचेगी
प्रेम
की
चिट्ठी
अरमाँ
करवट
बदलेंगे
ख़्वाबों
की
लेके
झपकी,
हो
सपनों
के
पंख
लगा
के
हम
मिलकर
यार
उड़ेंगे
हो,
काश
के
हम
सरहद
को
सब
मिलकर
पार
करेंगे
सब
कुछ
बदल
जाएगा,
खुशियों
का
फिर
कल
आएगा
हमें
जीतना
हैं,
हमें
जीतना
हैं
खुद
से
ही
खुदको
हमें
जीतना
हैं
हमें
जीतना
हैं,
हमें
जीतना
हैं
(जय
हे,
जय
हे)
खुद
से
ही
खुदको
हमें
जीतना
हैं
(जय
हे,
जय
हे)
हमें
जीतना
हैं,
हमें
जीतना
हैं
खुद
से
ही
खुदको
हमें
जीतना
हैं
हमें
जीतना
हैं,
हमें
जीतना
हैं
(जय
हे,
जय
हे)
खुद
से
ही
खुदको
हमें
जीतना
हैं
(जय
हे,
जय
हे)
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