Lyrics Qareeb - Kamakshi Khanna
तेरी-मेरी
टेढ़ी-मेढ़ी
ज़िंदगी
का
कुछ
हल
नहीं
थोड़ी-थोड़ी
खो
गई
है
ये
ज़मीं
तेरे
आसमाँ
में
जो
मैं
उड़
गई
छोटी-छोटी
तेरी
वो
बातें
तेरी
कहानियों
से
बन
गई
मेरी
रातें
छुपी-छुपी
मेरी
हँसी
अब
खुल
गई
तू
पास
आ
गया
तो
बात
बन
गई
मेरे
नसीब
में
कैसे
हुआ
ये?
मेरे
क़रीब
जो
तू
हुआ
मेरे
नसीब
में
कैसे
हुआ
ये?
मेरे
क़रीब
जो
तू
हुआ
Ooh-ooh-ooh,
ooh-ooh-ooh
Ooh-ooh-ooh,
ooh-ooh-ooh
मेरे
क़रीब
जो
तू
हुआ
Ooh-ooh-ooh,
ooh-ooh-ooh
Ooh-ooh-ooh,
ooh-ooh-ooh
मेरे
क़रीब
जो
तू
हुआ
बहकी-बहकी
सी
मैं
रहती
हूँ
तेरी
आँखों
में
ही
तो
बहती
हूँ
सारी
दुनिया
घूमती
फ़िरती
हूँ
तेरी
बाँहों
में
ही
तो
जीती
हूँ
छोटी-छोटी
तेरी
वो
बातें
तेरी
कहानियों
से
बन
गई
मेरी
रातें
छुपी-छुपी
मेरी
हँसी
अब
खुल
गई
तू
पास
आ
गया
तो
बात
बन
गई
मेरे
नसीब
में
कैसे
हुआ
ये?
मेरे
क़रीब
जो
तू
हुआ
मेरे
नसीब
में
कैसे
हुआ
ये?
मेरे
क़रीब
जो
तू
हुआ
Ooh-ooh-ooh,
ooh-ooh-ooh
Ooh-ooh-ooh,
ooh-ooh-ooh
मेरे
क़रीब
जो
तू
हुआ
Ooh-ooh-ooh,
ooh-ooh-ooh
Ooh-ooh-ooh,
ooh-ooh-ooh
मेरे
क़रीब
जो
तू
हुआ
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