Lyrics Seene Pe - Kavita Krishnamurthy , Udit Narayan
सीने
पे
रख
के
सर
को
कहीं
खो
गए
थे
हम
सीने
पे
रख
के
सर
को
कहीं
खो
गए
थे
हम
थे
इतने
क़रीब
कि
एक
हो
गए
थे
हम
सीने
पे
रख
के
सर
को
कहीं
खो
गए
थे
हम
थे
इतने
क़रीब
कि
एक
हो
गए
थे
हम
मुद्दत
की
प्यास
थी,
तेरे
होंठों
का
रस
पिया
तेरे
हसीन
जिस्म
को
नज़रों
से
छू
लिया
जादू
बिखेरती
थी
समुंदर
की
तर
हवा
सिंदूर
बन
गया
था
हर
एक
ज़र्रा
रेत
का
आँखें
खुली-खुली
थीं,
मगर
सो
गए
थे
हम
थे
इतने
क़रीब
कि
एक
हो
गए
थे
हम
सीने
पे
रख
के
सर
को
कहीं
खो
गए
थे
हम
थे
इतने
क़रीब
कि
एक
हो
गए
थे
हम
कोई
ना
फ़ासला
रहा
साँसों
के
दरमियाँ
हर
बात
हो
रही
थी,
ख़ामोश
थी
ज़ुबाँ
अरमाँ
सिमट
रहे
थे
बहारों
की
सेज
पर
एहसास
की
गर्मी
थी,
दोनों
थे
बेख़बर
दोनों
जहाँ
को
पल-भर
भुला
तो
गए
थे
हम
थे
इतने
क़रीब
कि
एक
हो
गए
थे
हम
सीने
पे
रख
के
सर
को
कहीं
खो
गए
थे
हम
थे
इतने
क़रीब
कि
एक
हो
गए
थे
हम
सीने
पे
रख
के
सर
को
कहीं
खो
गए
थे
हम
थे
इतने
क़रीब
कि
एक
हो
गए
थे
हम
खो
गए
थे
हम
(खो
गए
थे
हम)
खो
गए
थे
हम
(सो
गए
थे
हम)
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