Lyrics Commentry Tabassum and O Meri Sharmilee - Kishore Kumar
ओ मेरी शर्मीली
आओ ना, तरसाओ ना
ओ मेरी शर्मीली
तेरा काजल लेकर रात बनी, रात बनी
तेरी मेंहदी लेकर दिन उगा, दिन उगा
तेरी बोली सुनकर सुर जगे, सुर जगे
तेरी खुशबू लेकर फूल खिला, फूल खिला
जान-ए-मन तू है कहाँ
ओ मेरी शर्मीली...
तेरी राहों से गुज़रे जब से हम, जब से हम
मुझे मेरी डगर तक याद नहीं, याद नहीं
तुझे देखा जब से दिलरुबा, दिलरुबा
मुझे मेरा घर तक याद नहीं, याद नहीं
जान-ए-मन तू है कहाँ
ओ मेरी शर्मीली...
ओ नीरज नयना आ ज़रा, आ ज़रा
तेरी लाज का घूँघट खोल दूं, खोल दूं
तेरे आँचल पर कोई गीत लिखूँ, गीत लिखूँ
तेरे होंठों में अमृत घोल दूँ, घोल दूँ
जान-ए-मन तू है कहाँ
ओ मेरी शर्मीली...

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