Krishna Kalle feat. Mohammed Rafi - Sochta Hoon Ke Maine Tumhen Lyrics

Lyrics Sochta Hoon Ke Maine Tumhen - Mohammed Rafi , Krishna Kalle




क्या सोच रहे हो तुम?
नहीं, कुछ नहीं (कुछ नहीं?)
सोचता हूँ कि तुम्हें मैंने देखा है
याद करता हूँ, मगर याद नहीं आता
मेरे हमराज़, मुझे तुमने वहीं देखा है
दिल जहाँ होश में रहकर भी बहक जाता है
जाने क्या बात है, हम जब मिला करते हैं
दिल में चुपके से कोई चोट उभर आती है
दिल से दिल मिलते हैं, अफ़साने बना करते हैं
और तक़दीर मोहब्बत की सँवर जाती है
(तो फिर) अपने चेहरे पे मेरे ख़्वाब-ए-परेशाँ की तरह
आज इन रेशमी ज़ुल्फ़ों को मचल जाने दो
दिल में उठते हुए जज़्बात के तूफ़ाँ की तरह
आज हर ख़्वाब हक़ीक़त में बदल जाने दो
(हाय) वो जो एहसास हल्का सा कि तुम ग़ैर नहीं
आज वो एक यक़ीं बनता नज़र आता है
खो दिया था जो कभी याद की सूरत में कहीं
आज वो प्यार मुझे मिलता नज़र आता है
आज वो प्यार मुझे मिलता नज़र आता है



Writer(s): Akhtar Romani, Anandji V Shah, Kalyanji Virji Shah



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