Lata Mangeshkar & A. R. Rahman - Luka Chuppi (From "Rang De Basanti") Lyrics

Lyrics Luka Chuppi (From "Rang De Basanti") - Lata Mangeshkar & A. R. Rahman




लुका छुप्पी बहुत हुई
सामने जा ना
कहां-कहां ढूंढा तुझे
थक है अब तेरी मां
आजा सांझ हुई
मुझे तेरी फिकर धुंधला गयी
देख मेरी नज़र
जा ना
आजा सांझ हुई
मुझे तेरी फिकर
धुंधला गयी
देख मेरी नज़र
जा ना
क्या बताऊं माँ
कहां हूं मैं
यहां उड़ने को मेरे
खुला आसमां है
तेरे किस्सों जैसा
भोला सलोना जहां है
यहां सपनो वाला
मेरी पतंग हो बेफिक्र
उड़ रही है मां
डोर कोई लुटे नहीं
बीच से काटे ना
आजा सांझ हुई
मुझे तेरी फिकर धुंधला गयी
देख मेरी नज़र
जा ना
तेरी राह तके अंखियां
जाने कैसा कैसा होए जिया
तेरी राह तके अंखियां
जाने कैसा कैसा होए जिया
धीरे-धीरे आंगन उतरे अंधेरा
मेरा दीप कहां
ढलके सूरज करे इशारा
चंदा तू है कहां
मेरे चंदा तू है कहां
लुका छुप्पी बहुत हुई
सामने जा ना
कहां-कहां ढूंढा तुझे
थके गयी है अब तेरी मां
आजा सांझ हुई
मुझे तेरी फिकर धुंधला गयी
देख मेरी नज़र जा ना
आजा सांझ हुई
मुझे तेरी फिकर धुंधला गयी
देख मेरी नज़र
जा ना
कैसे तुझको दिखाऊं
यहां है क्या
मैंने झरने से पानी
माँ तोड़ के पिया है
गुच्छा गुच्छा कई ख्वाबों
का उछल के छुआ है
छाया लिए भली धूप यहां है
नया नया सा है रूप यहां
यहां सब कुछ है मां फिर भी
लगे बिन तेरे मुझको अकेला
हो
आजा सांझ हुई
मुझे तेरी फिकर धुंधला गयी
देख मेरी नज़र
जा ना
आजा सांझ हुई
मुझे तेरी फिकर धुंधला गयी
देख मेरी नज़र
जा ना
आजा सांझ हुई
मुझे तेरी फिकर धुंधला गयी
देख मेरी नज़र
जा ना



Writer(s): A R Rahman, Prasoon Joshi


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