Lata Mangeshkar & Shabbir Kumar - Kangana Kangana (From "Woh 7 Din ") Lyrics

Lyrics Kangana Kangana (From "Woh 7 Din ") - Lata Mangeshkar & Shabbir Kumar




चुप रह सकता तो चुप रहता,
पर चुप रहना मुश्किल है
चुप रह सकता तो चुप रहता,
पर चुप रहना मुश्किल है
आखो से मन की बात समझ ले, मुंह से कहना मुश्किल है
में भोली, क्या जानू आखो की ये बोली बोली हो बोली
कंगना, ओय होय कंगना
कंगना, ओय होय कंगना
मेरी नींद चुरा के ले गए, गोरी तेरे कंगना
कंगना,
ओय होय कंगना
मेरी नींद चुरा के ले गए,
गोरी तेरे कंगना
सजना
ओय होय सजना,
सजना
ओय होय सजना
यही पहन के आऊंगी मे एक दिन तेरे अंगना
सजना ओय होय सजना
यही पहन के आऊंगी मे एक दिन तेरे अंगना
सजना
ये बेचेनी छोड़ो,
हंस कर चैन से बातें चार करो
हो, ये बेचेनी छोड़ो,
हंस कर चैन से बातें चार करो
किसने कहा था,
तुमसे आखिर मुझसे इतना प्यार करो
अपने हाथ, नही होता
जी का लगाना
कंगना, ओय होय कंगना
मेरी नींद चुरा के ले गए, गोरी तेरे कंगना
कंगना
मिल ना सके हम, दुनिया में तो इस मिट्टी में मिल जाएं
इस मिट्टी से प्यार भरे दो
फूल चटख कर खिल जाए
खत्म हो सारे दिन का तड़पना,
तड़पना सारी रात का जगना
सजना
सजना ओय होय सजना
यही पहन के आऊँगी में एक दिन तेरे अंगना
कंगना, ओय होय कंगना
मेरी नींद चुरा के ले गए, गोरी तेरे कंगना
सजना ओय होय सजना,
यही पहन के आऊंगी में एक दिन तेरे अंगना,
सजना.



Writer(s): laxmikant pyarelal, anand bakshi



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