Lyrics Apni To Har Aah Ek Toofan Hai - Mohammed Rafi
अपनी
तो
हर
आह
इक
तूफ़ान
है
क्या
करे
वो
जान
कर
अंजान
है
-
ऊपर
वाल
जान
कर
अंजान
है
अपनी
तो
हर
आह
इक
तूफ़ान
है
ऊपर
वाल
जानकर
अंजान
है
अपनी
तो
हर
आह
इक
तूफ़ान
है
अब
तो
हँसके
अपनी
भी
क़िस्मत
को
चमका
दे
कानों
में
कुछ
कह
दे
जो
इस
दिल
को
बहला
दे
ये
भी
मुशकिल
है
तो
क्या
आसान
है
ऊपर
वाल
जान
कर
अन्जान
है
...
सर
पे
मेरे
तू
जो
अपना
हाथ
ही
रख
दे
फिर
तो
भटके
राही
को
मिल
जायेंगे
रस्ते
दिल
की
बस्ती
बिन
तेरे
वीरान
है
ऊपर
वाल
जानकर
अन्जान
है
...
दिल
ही
तो
है
इस
ने
शायद
भूल
भी
की
है
ज़िंदगी
है
भूल
कर
ही
राह
मिलती
है
माफ़
कर
बन्दा
भी
इक
इन्सान
है
ऊपर
वाल
जान
कर
अंजान
है
अपनी
तो
हर
आह
इक
तूफ़ान
है
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