Lyrics Kahin Bekhayal Hokar - Mohammed Rafi
कहीं
बेख़याल
होकर
यूँ
ही
छू
लिया
किसी
ने
कहीं
बेख़याल
होकर
यूँ
ही
छू
लिया
किसी
ने
कई
ख़्वाब
देख
डाले
यहाँ
मेरी
बेख़ुदी
ने
कहीं
बेख़याल
होकर
-- -
मेरे
दिल
में
कौन
है
तू
कि
हुआ
जहाँ
अन्धेरा
मेरे
दिल
में
कौन
है
तू
कि
हुआ
जहाँ
अन्धेरा
वहीं
सौ
दीये
जलाये
तेरे
रुख़
की
चाँदनी
ने
कई
ख़्वाब
कई
ख़्वाब
देख
डाले
यहाँ
मेरी
बेख़ुदी
ने
कहीं
बेख़याल
होकर
-- -
कभी
उस
परी
का
कूचा
कभी
इस
हसीं
की
महफ़िल
कभी
उस
परी
का
कूचा
कभी
इस
हसीं
की
महफ़िल
मुझे
दर-ब-दर
फिराया
मेरे
दिल
की
सादग़ी
ने
कई
ख़्वाब
कई
ख़्वाब
देख
डाले
यहाँ
मेरी
बेख़ुदी
ने
कहीं
बेख़याल
होकर
-- -
है
भला
सा
नाम
उसका
मैं
अभी
से
क्या
बताऊँ
है
भला
सा
नाम
उसका
मैं
अभी
से
क्या
बताऊँ
किया
बेक़रार
अक्सर
मुझे
एक
आदमी
ने
कई
ख़्वाब
कई
ख़्वाब
देख
डाले
यहाँ
मेरी
बेख़ुदी
ने
कहीं
बेख़याल
होकर
-- -
अरे
मुझपे
नाज़
वालो
ये
नयाज़मन्दियाँ
क्यों
अरे
मुझपे
नाज़
वालो
ये
नयाज़मन्दियाँ
क्यों
है
यही
करम
तुम्हारा
तो
मुझे
न
दोगे
जीने
कई
ख़्वाब
कई
ख़्वाब
देख
डाले
यहाँ
मेरी
बेख़ुदी
ने
कहीं
बेख़याल
होकर
ही
छू
लिया
किसी
ने
कहीं
बेख़याल
होकर
1 Ram Tu Sabka Rakhwala
2 Ae Shahare Lucknow
3 Janewalo Zara Mudke
4 Mere Mitwa
5 Badi Door Se Aaye Hain
6 Tum Bin Jaoon Kahan
7 Chhoo Lene Do Nazuk
8 Aaj Mausam Bada
9 Sau Baar Janam Lenge
10 Kahin Bekhayal Hokar
11 Tumhari Mulaqat Se
12 Jane Kahan Dekha Hai
13 Mana Mere Haseen
14 Bhoola Hua Fasana
15 Tumhi Se Hui Hai Shuru
16 Akela Hoon Main
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