Lyrics Waqt Se Din Aur Raat - Mohammed Rafi
कल
जहाँ
बसती
थी
ख़ुशियाँ
आज
है
मातम
वहाँ
वक़्त
लाया
था
बहारें
वक़्त
लाया
है
ख़िज़ाँ
वक़्त
से
दिन
और
रात
वक़्त
से
कल
और
आज
वक़्त
की
हर
शय
ग़ुलाम
वक़्त
का
हर
शय
पे
राज
वक़्त
से
दिन
और
रात
वक़्त
से
कल
और
आज
वक़्त
की
हर
शय
ग़ुलाम
वक़्त
का
हर
शय
पे
राज
वक़्त
की
गर्दिश
से
है
चाँद-तारों
का
निज़ाम
वक़्त
की
गर्दिश
से
है
चाँद-तारों
का
निज़ाम
वक़्त
की
ठोकर
में
है
क्या
हुकूमत,
क्या
समाज
क्या
हुकूमत,
क्या
समाज
वक़्त
से
दिन
और
रात
वक़्त
से
कल
और
आज
वक़्त
की
हर
शय
ग़ुलाम
वक़्त
का
हर
शय
पे
राज
वक़्त
की
पाबंद
हैं
आती-जाती
रौनकें
वक़्त
की
पाबंद
हैं
आती-जाती
रौनकें
वक़्त
है
फूलों
की
सेज
वक़्त
है
काँटों
का
ताज
वक़्त
है
काँटों
का
ताज
वक़्त
से
दिन
और
रात
वक़्त
से
कल
और
आज
वक़्त
की
हर
शय
ग़ुलाम
वक़्त
का
हर
शय
पे
राज
आदमी
को
चाहिए
वक़्त
से
डर
कर
रहे
आदमी
को
चाहिए
वक़्त
से
डर
कर
रहे
कौन
जाने
किस
घड़ी
वक़्त
का
बदले
मिज़ाज
वक़्त
का
बदले
मिज़ाज
वक़्त
से
दिन
और
रात
वक़्त
से
कल
और
आज
वक़्त
की
हर
शय
ग़ुलाम
वक़्त
का
हर
शय
पे
राज
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