Pritam - Lehra Do Extended Lyrics

Lyrics Lehra Do Extended - Pritam




अपना है दिन ये आज का
दुनिया से जाके बोल दो
बोल दो
ऐसे जागो रे साथियों
दुनिया की आँखें खोल दो
खोल दो
लहरा दो,लहरा दो
सरकशी का परचम लहरा दो
गर्दिश में फिर अपनी
सर ज़मीन का परचम लहरा दो
लहरा दो,लहरा दो
सरकशी का परचम लहरा दो
गर्दिश में फिर अपनी
सर ज़मीन का परचम लहरा दो
हो हाथ धर के बैठने से
क्या भला कुछ होता है
हो हाथ धर के बैठने से
क्या भला कुछ होता है
जा लकीरों को दिखा
क्या ज़ोर बाज़ू होता है
जा लकीरों को दिखा
क्या ज़ोर बाज़ू होता है
हिम्मत-ए-मर्द अगर हो
संग खुदा भी होता है
जा ज़माने को दिखा दे
खुद में दम क्या होता है
लहरा दो,लहरा दो
सरकशी का परचम लहरा दो
गर्दिश में फिर अपनी
सर ज़मीन का परचम लहरा दो
लहरा दो,लहरा दो
सरकशी का परचम लहरा दो
गर्दिश में फिर अपनी
सर ज़मीन का परचम लहरा दो
लहरा दो,लहरा दो
लहरा दो,लहरा दो
लहरा दो,लहरा दो
लहरा दो,लहरा दो
लहरा दो,लहरा दो
लहरा दो,लहरा दो
लहरा दो,लहरा दो
लहरा दो,लहरा दो
लहरा दो,लहरा दो
लहरा दो,लहरा दो
लहरा दो,लहरा दो
लहरा दो,लहरा दो
लहरा दो,लहरा दो
लहरा दो,लहरा दो
लहरा दो,लहरा दो
लहरा दो,लहरा दो
लहरा दो,लहरा दो
लहरा दो,लहरा दो
लहरा दो,लहरा दो
लहरा दो,लहरा दो
लहरा दो,लहरा दो
लहरा दो,लहरा दो
लहरा दो,लहरा दो
लहरा दो,लहरा दो
लहरा दो,लहरा दो
लहरा दो,लहरा दो
लहरा दो,लहरा दो
लहरा दो,लहरा दो
लहरा दो,लहरा दो
लहरा दो,लहरा दो



Writer(s): Pritam Chakraborty, Irshad Kamil


Attention! Feel free to leave feedback.