Lyrics Saat Rangon Se - Rekha Bharadwaj
सात
रंगों
से
दोस्ताना
हुआ,
तो
यूँ
हुआ
मैंने
बोला
"ज़िन्दगी
आजा,
खेलेंगे
हम
ख़्वाबों
का
निगाहों
से
जुआ"
सात
रंगों
से
दोस्ताना
हुआ,
तो
यूँ
हुआ
मैंने
बोला
"ज़िन्दगी
आजा,
खेलेंगे
फिर
ख़्वाबों
का
निगाहों
से
जुआ"
धूप
को
चुराऊँगी,
छुपाऊँगी
वहाँ,
हो
इक
नया
सवेरा
है
छपा
हुआ
जहाँ
"धीरे-धीरे
सवेरे
को
जीती
जाऊँगी
भीगे-भीगे
उजालों
को
पीती
जाऊँगी"
मैंने
खुदको
आज
कह
दिया
है,
हाँ
रास्ता
बुलाए
है,
बताए
है
सफ़र
बस
गया
ख़यालों
का
जिया
में
एक
शहर
आते-जाते
कभी
तू
भी
आ
ज़रा
इधर
मैं
मिलूँगी
हँसी
ले
के
होंठों
पे
मगर
अब
के
मुझको
ना
जाना
छोड़कर
सात
रंगों
से
दोस्ताना
हुआ,
तो
यूँ
हुआ
मैंने
बोला
"ज़िन्दगी
आजा,
खेलेंगे
फिर
ख़्वाबों
का
निगाहों
से
जुआ"
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