Shivangi Bhayana - Jaanti Hoon Lyrics

Lyrics Jaanti Hoon - Shivangi Bhayana




क्यूँ तुझको मैं इतना चाहती हूँ?
क्यूँ अक्सर मैं तुझको माँगती हूँ?
ये दुनिया है अजनबी
मैं बस तुमको जानती हूँ
जानती हूँ, जानती हूँ
पास मेरे जो तू आता है
मंज़र नए हो जाते हैं
बेचैनियाँ थम जाती हैं
दर्द फ़ना हो जाते हैं
सह ना पाऊँगी ग़म तेरे
रहना तू हर-दम पास मेरे
पास मेरे
ये दुनिया है अजनबी
मैं बस तुमको जानती हूँ
जानती हूँ, जानती हूँ
आँखों में तेरी देखा है
मैंने तो चेहरा अपना
वो है हक़ीक़त या कोई
देख रही थी मैं सपना?
जब तक ना छू लूँ लब तेरे
खिल ना पाएँगे लब मेरे, लब मेरे
ये दुनिया है अजनबी
मैं बस तुमको जानती हूँ
जानती हूँ, जानती हूँ



Writer(s): Laado Suwalka, Rishabh Srivastava



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