Lyrics Dooriyaan Qareeb (feat. Yashika Sikka) - Siddharth Amit Bhavsar
कह
दो
ना
कह
दो
ना
तुम
मेरे
हो,
मेरे
हो
तुम
सच
हो
या
सच
से
परे?
रुह
को
दे
दो
सुकून
हम
चिट्ठियाँ
बस
तुम्हें
लिखते
रहें
तुम
आदतन
बस
यूँ
ही
मुस्का
देना
कभी-कभी
दूरियाँ
क़रीब
से
देखो
तो
कम
हो
जाती
हैं
कभी-कभी
दूरियाँ
क़रीब
से
देखो
तो
कम
हो
जाती
हैं
कभी-कभी
दूरियाँ
क़रीब
से
देखो
तो
कम
हो
जाती
हैं
कभी-कभी
दूरियाँ
क़रीब
से
देखो
तो
कम
हो
जाती
हैं
बोलूँ
क्या
कह
दें
तुम्हें?
जो
कभी
कह
ना
चुके
सुबह
तुम,
हूँ
रात
मैं
चाह
के
भी
मिल
ना
सके
हम
रोशनी
चाँद
की
दे-दें
तुम्हें
तुम
शाम
तक
रख
उसे
लौटा
देना
कभी-कभी
दूरियाँ
क़रीब
से
देखो
तो
कम
हो
जाती
हैं
कभी-कभी
दूरियाँ
क़रीब
से
देखो
तो
कम
हो
जाती
हैं
कभी-कभी
दूरियाँ
क़रीब
से
देखो
तो
कम
हो
जाती
हैं
कभी-कभी
दूरियाँ
क़रीब
से
देखो
तो
कम
हो
जाती
हैं
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