Suresh Wadkar - Pagli Hawa Badraya Din Lyrics

Lyrics Pagli Hawa Badraya Din - Suresh Wadkar



पगली हवा बदराया दिन पागल मेरा मन जागे रे
जहाँ सभी अंजाने राहों के हैं ना ठिकाने वहीं मन अकारण धाए रे
पीछे मुड़ कर अब क्यों रे जाएं कभी वो अपने द्वारे
जाए ना जाए ना दिवारें जीतने हो गिरें-टुटें
बारिश नशा लाई सांझ की बेला किस बलराम की मैं हूँ चेला?
मेरे सपने घिर-नाचे मतवाले, सभी मतवाले
जिसकी चाह नहीं वही चाहूं मैं जो पाएं नहीं कहां पाऊं मैं
पाऊं न, पाऊं न, चाहे अनहोनी के द्वारे माथा पीटें



Writer(s): SURESH WADEKAR


Suresh Wadkar - Hindi Rabindra Sangeet
Album Hindi Rabindra Sangeet
date of release
22-09-2014




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