Talat Mahmood - Hum Dard Ke Maron Ka Lyrics

Lyrics Hum Dard Ke Maron Ka - Talat Mahmood feat. Shankar Jaikishan




बुझ गए ग़म की हवा से प्यार के जलते चराग़
बेवफ़ाई चाँद ने की, पड़ गया इस में भी दाग़
हम दर्द के मारों का इतना ही फ़साना है
पीने को शराब-ए-ग़म, दिल ग़म का निशाना है
हम दर्द के मारों का इतना ही फ़साना है
दिल एक खिलौना है तक़दीर के हाथों में
दिल एक खिलौना है तक़दीर के हाथों में
...तक़दीर के हाथों में
मरने की तमन्ना है, जीने का बहाना है
पीने को शराब-ए-ग़म, दिल ग़म का निशाना है
देते हैं दुआएँ हम, देते हैं दुआएँ हम
दुनिया की जफ़ाओं को, दुनिया की जफ़ाओं को
क्यूँ उनको भुलाए हम? अब ख़ुद को भुलाना है
पीने को शराब-ए-ग़म, दिल ग़म का निशाना है
हँस-हँस के बहारें तो शबनम को रुलाती हैं
हँस-हँस के बहारें तो शबनम को रुलाती हैं
...शबनम को रुलाती हैं
आज अपनी मोहब्बत पर दरिया को रुलाना है
आज अपनी मोहब्बत पर दरिया को रुलाना है
हम दर्द के मारों का इतना ही फ़साना है
पीने को शराब-ए-ग़म, दिल ग़म का निशाना है



Writer(s): Jaikshan Shankar, Jaipuri Hasrat


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