Uma Mohan - Rudrashtakam Lyrics

Lyrics Rudrashtakam - Uma Mohan




नमामीशमीशान निर्वाणरूपं विभुं व्यापकं ब्रह्मवेदस्वरूपं
अजम निर्गुणं निर्विकल्पं निरीहं चिदाकाशमाकाशवासं भजे हं
निराकारमोंकारमूलं तुरीयं गिरा ग्यान गोतीतमीशं गिरीशं
करालं महाकाल कालं कृपालं गुणागार संसारपारं नतो हं
तुषाराद्रि संकाश गौरं गम्भीरं मनोभूत कोटि प्रभा श्री शरीरं
स्फुरन्मौलि कल्लोलिनी चारु गंगा लसद्भालबालेन्दु कण्ठे भुजंगा
चलत्कुण्डलं भ्रू सुनेत्रं विशालं प्रसन्नाननं नीलकण्ठं दयालं
मृगाधीशचर्माम्बरं मुण्डमालं प्रियं शंकरं सर्वनाथं भजामि
प्रचण्डं प्रकृष्टं प्रगल्भं परेशं अखण्डं अजं भानुकोटिप्रकाशम्
त्रय: शूल निर्मूलनं शूलपाणिं भजे हं भवानीपतिं भावगम्यं
कालथीथ कल्यान कल्पांत कारी साधा सज्जनानंद धाता पुरारी
चिदानन्द संदोह मोहापहारी प्रसीद प्रसीद प्रभो मन्मथारी
यावद् उमानाथ पादारविंदं भजंतीह लोके परे वा नराणां
तावत्सुखं शान्ति सन्तापनाशं प्रसीद प्रभो सर्वभूताधिवासं
जानामि योगं जपं नैव पूजां नतो हं सदा सर्वदा शम्भु तुभ्यं
जराजन्म दु: खौघ तातप्यमानं प्रभो पाहि आपन्न्मामीश शंभो



Writer(s): UMA MOHAN



Attention! Feel free to leave feedback.