A.R. Rahman, Kavita Krishnamurthy & Sukhwinder Singh - Main Albeli paroles de chanson

paroles de chanson Main Albeli - A.R. Rahman, Kavita Krishnamurthy & Sukhwinder Singh




रंगीली हो, सजीली हो
रंगीली हो, सजीली हो
...अलबेली
...अलबेली
मैं अलबेली, घूमूं अकेली
कोई पहेली हूं मैं
हो मैं अलबेली, घूमूं अकेली
कोई पहेली हूं मैं
पगली हवाएं मुझे, जहां भी ले जाए
इन हवाओं की सहेली हूं मैं
तू है रंगीली, हो
तू है सजीली, हो
हिरनी हूं बन में, कली गुलशन में
शबनम कभी हूं मैं, कभी हूं शोला
शाम और सवेरे, सौ रंग मेरे
मैं भी नहीं जानूं, आखिर हूं मैं क्या
तू अलबेली, घूमे अकेली
कोई पहेली है तू
पगली हवाएं तुझे जहां भी ले जाए
इन हवाओं की सहेली है तू
तू अलबेली, घूमे अकेली
कोई पहेली, पहेली
मेरे हिस्से में आई हैं कैसी बेताबियां
मेरा दिल घबराता है मैं चाहे जाऊं जहां
हम्म हम्म मेरे हिस्से में आई हैं कैसी बेताबियां
मेरा दिल घबराता है मैं चाहे जाऊं जहां
मेरी बेचैनी ले जाए मुझको जाने कहां
मैं एक पल हूं यहां
मैं एक पल हूं यहां ...मैं हूं इक पल वहां
तू बावली है, तू मनचली है
सपनों की है दुनिया, जिसमें तू है पली
मैं अलबेली, घूमूं अकेली
कोई पहेली हूं मैं ...अलबेली
हो मैं अलबेली, घूमूं अकेली
कोई पहेली हूं मैं
पगली हवाएं मुझे, जहां भी ले जाए
इन हवाओं की सहेली हूं मैं
तू है रंगीली, हो
तू है सजीली, हो
हिरनी हूं बन में, कली गुलशन में
शबनम कभी हूं मैं, कभी हूं शोला
शाम और सवेरे, सौ रंग मेरे
मैं भी नहीं जानूं, आखिर हूं मैं क्या
...ऊ ...अलबेली
मैं वो राही हूं, जिसकी कोई मंज़िल नहीं
मैं वो अरमां हूं, जिसका कोई हासिल नहीं
मैं हूं वो मौज के जिसका कोई साहिल नहीं
मेरा दिल नाज़ुक है
मेरा दिल नाज़ुक है पत्थर का मेरा दिल नहीं
तू है अनजानी, तू है दीवानी
शीशा ले के पत्थर की दुनिया में है चली
तू अलबेली, घूमे अकेली
कोई पहेली है तू
पगली हवाएं तुझे जहां भी ले जाए
इन हवाओं की सहेली है तू
में हु रंगीली, हो
में हु सजीली, हो
हिरनी हूं बन में, कली गुलशन में
शबनम कभी हूं मैं, कभी हूं शोला
शाम और सवेरे हो, सौ रंग मेरे हो
मैं भी नहीं जानूं, आखिर हूं मैं क्या
रंगीली हो, सजीली हो
रंगीली हो, सजीली हो
रंगीली हो, सजीली हो
रंगीली हो, सजीली हो





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