paroles de chanson Mard Maratha - Ajay-Atul
हे
बोले
धरती
जयकारा,
गगन
है
सारा
गूंजा
रे
जग
में
लहराया
न्यारा
ध्वज
है
हमारा
ऊंचा
रे
हम
वो
योद्धा,
वो
निडर,
हम
जो
भी
दिशा
में
जाएं
सारे
पथ
चरण
छुएं
और
पर्वत
शीश
नवाये
रास्ते
से
हट
जाएं
नदियां
होके
हवाएं
हम
हैं
जियाले,
जीतने
को
हम
रन
मैं
उतरते
हैं
हम
सूरज
हैं,
अंत
हमी
रातों
का
करते
हैं
युग
युग
की
जंजीरों
को
हमने
ही
काटा
रे
बोल
उठा
ये
जग
सारा
जय
मर्द
मराठा
रे
जो
रक्त
है
तन
में
बहता
वो
हमसे
है
ये
कहता
सम्मान
के
बदले
जान
भी
दें
तो
नही
है
घाटा
रे
युग
युग
की
जंजीरों
को
हमने
ही
काटा
रे
बोल
उठा
ये
जग
सारा
जय
मर्द
मराठा
रे
युग
युग
की
जंजीरों
को
हमने
ही
काटा
रे
बोल
उठा
ये
जग
सारा
जय
मर्द
मराठा
रे
वीरता
हमने
बोई
और
ये
फल
पाया
दूर
तक
अब
है
फैली
अपनी
ही
छाया
हो,
जीवन
जो
रणभूमि
रे
करता
है
तांडव
आज
उसी
ने
है
विजय
का
नगाड़ा
बजाया
अपनी
है
जो
गाथा
अब
है
समय
सुनाता
सब
को
है
ये
बताता
कैसे
सुख
हमने
बाटा
रे
युग
युग
की
जंजीरों
को
हमने
ही
काटा
रे
बोल
उठा
ये
जग
सारा
जय
मर्द
मराठा
रे
युग
युग
की
जंजीरों
को
हमने
ही
काटा
रे
बोल
उठा
ये
जग
सारा
जय
मर्द
मराठा
रे
सच
के
सिपाही,
अलबेले
राही
क्या
जानते
हो
तुम?
जब
तुम
नही
थे
हम
कब
यहीं
थे,
हम
भी
थे
जैसे
घूम
तुम
ध्यान
में
थे,
तुम
प्राण
में
थे
जैसे
जनम-जनम
जब
तीर
तुमपे
बरसे
तो
जैसे
घायल
हुए
थे
हम
हो,
देखो
तो
मुझसे
कह
के
मैं
जान
दे
दूं
तुम
पे
क्या
तुम
नहीं
ये
जानते
दुविधा
के
आगे
जब
नारी
जागे
हिम्मत
से
काम
ले
चूड़ी
उतार,
कंगन
उतार
तलवार
थाम
ले
मैंने
ली
आज
शपथ
है
वीरों
का
पथ
है
मेरा
रे
लक्ष्य
अपना
जो
बना
लूँ
वहीं
पे
डालूं
डेरा
रे
हम
वो
योद्धा
वो
निडर
हम
जो
भी
दिशा
में
जाएं
सारे
पथ
चरण
छुएं
और
पर्वत
शीश
नवाये
रास्ते
से
हट
जाएं
नदियां
होके
हवाएं
हम
हैं
जियाले
जीतने
को
हम
रन
मैं
उतरते
हैं
हम
सूरज
हैं,
अंत
हमी
रातों
का
करते
हैं
युग
युग
की
जंजीरों
को
हमने
ही
काटा
रे
बोल
उठा
ये
जग
सारा
जय
मर्द
मराठा
रे
जो
रक्त
है
तन
में
बहता
वो
हमसे
है
ये
कहता
सम्मान
के
बदले
जान
भी
दें
तो
नही
है
घाटा
रे
युग
युग
की
जंजीरों
को
हमने
ही
काटा
रे
बोल
उठा
ये
जग
सारा
जय
मर्द
मराठा
रे
युग
युग
की
जंजीरों
को
हमने
ही
काटा
रे
बोल
उठा
ये
जग
सारा
जय
मर्द
मराठा
रे
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