Mohammed Rafi - Yeh Hanste Huye and Jinhen Naaz Hai paroles de chanson

paroles de chanson Yeh Hanste Huye and Jinhen Naaz Hai - Mohammed Rafi




ये कूचे, हं हं, घर दिलकशी के
ये कूचे, ये नीलाम घर दिलकशी के
ये लुटते हुए कारवां ज़िंदगी के
कहाँ हैं, कहाँ हैं मुहाफ़िज़ खुदी के
जिन्हें नाज़ है हिन्द पर वो कहाँ हैं
कहाँ हैं, कहाँ हैं, कहाँ हैं
ये पुरपेच गलियां, ये बदनाम बाज़ार
ये गुमनाम राही, ये सिक्कों की झनकार
ये इसमत के सौदे, ये सौदों पे तकरार
जिन्हें नाज़ है हिन्द पर वो कहाँ हैं
कहाँ हैं, कहाँ हैं, कहाँ हैं
ये सदियों से बेखौफ़ सहमी सी गलियां
ये मसली हुई अधखिली ज़र्द कलियां
ये बिकती हुई खोखली रंगरलियाँ
जिन्हें नाज़ है हिन्द पर वो कहाँ हैं
कहाँ हैं, कहाँ हैं, कहाँ हैं
वो उजले दरीचों में पायल की छन-छन
थकी हारी सांसों पे तबले की धन-धन
वो उजले दरीचों में पायल की छन-छन
थकी हारी सांसों पे तबले की धन-धन
ये बेरूह कमरों मे खांसी कि ठन-ठन
जिन्हें नाज़ है हिन्द पर वो कहाँ हैं
कहाँ हैं, कहाँ हैं, कहाँ हैं



Writer(s): s.d. burman


Attention! N'hésitez pas à laisser des commentaires.