Pritam & Arijit Singh - Safar (From "Jab Harry Met Sejal") paroles de chanson

paroles de chanson Safar (From "Jab Harry Met Sejal") - Pritam , Arijit Singh




अब मुझको याद बीता
मैं तोह लम्हों में जीता
चला जा रहा हूँ
मैं कहाँ पे जा रहा हूँ...
कहाँ हूँ?
इस यक़ीन से मैं यहाँ हूँ
की ज़माना यह भला है
और जो राह में मिला है
थोड़ी दूर जो चला है
वह भी आदमी भला था
पता था
ज़रा बस खफा था
वह भटका सा राही मेरे गाँव का ही
वह रास्ता पुराना जिसे याद आना
ज़रूरी था लेकिन जो रोया मेरे बिन
वो एक मेरा घर था
पुराना सा डर था
मगर अब मैं अपने घर का रहा
सफर का ही था मैं सफ़र का रहा
इधर का ही हूँ उधर का रहा
सफर का ही था मैं सफ़र का रहा
इधर का ही हूँ उधर का रहा
सफर का ही मैं सफ़र का रहा
मैं रहा... ओ...
मैं रहा... वो
मैं रहा...
मील पत्थरों से मेरी दोस्ती है
चाल मेरी क्या है राह जानती है
जाने रोज़ाना...
ज़माना वही रोज़ाना
शहर शहर फुर्सतों को बेचता हूँ
खाली हाथ जाता खाली लौट'ता हूँ
ऐसे रोज़ाना
रोज़ाना खुद से बेगाना...
जबसे गाँव से मैं शहर हुआ
इतना कड़वा हो गया की ज़ेहर हुआ
मैं तोह रोज़ाना
चाहा था यह हो जाना मैंने
ये उम्र्र, वक़्त, रास्ता गुजरता रहा
सफर का ही था मैं सफ़र का रहा
इधर का ही हूँ उधर का रहा
सफर का ही था मैं सफ़र का रहा
इधर का ही हूँ उधर का रहा
सफर का ही था मैं सफ़र का रहा
मैं राहा
मैं राहा
मैं राहा
मैं राहा
मैं राहा
मैं राहा
मैं राहा
मैं राहा
मैं मैं राहा
मैं राहा
सफर का ही था मैं सफ़र का रहा



Writer(s): Pritam Chakraborty, Irshad Kamil



Attention! N'hésitez pas à laisser des commentaires.
//}