Arijit Singh - Aaj Likhenge Kal текст песни

Текст песни Aaj Likhenge Kal - Arijit Singh




चल-चल, आज लिखेंगे कल
चल-चल, आज लिखेंगे कल
चल-चल, आज लिखेंगे कल
चल-चल, आज लिखेंगे कल
चल, आज लिखेंगे कल
चल, आज लिखेंगे कल
अपने ख़्वाबों की आग लेके हम
सारी ख़्वाहिशें साथ लेके हम
जी लेंगे सारे पल
चल, आज लिखेंगे कल
चल, आज लिखेंगे कल
चल-चल, आज लिखेंगे कल
चल-चल, आज लिखेंगे कल
चल-चल, आज लिखेंगे कल
चल-चल, आज लिखेंगे कल
रास्ते की धूप से रोशनी को छान कर
अपनी परछाइयों से छाँव थोड़ी माँगकर
ख़ुद की सरहदों से आगे निकल
हाथ की लकीरों को थोड़ा सा मोड़कर
ज़िंदगी में थोड़ी और ज़िंदगी को जोड़कर
आजा, तराश लें हर एक पल
चल, आज लिखेंगे कल
चल, आज लिखेंगे कल
मिसरी सा ख़्वाब चखकर
सूरज पलकों पे रखकर
मंज़िल के चुन ले तू निशाँ रे
हर लमहा कह रहा है
तू ही अपना ख़ुदा है
आँखों में भर ले आसमाँ रे
तारों की तरह जल
चल, आज लिखेंगे कल
चल, आज लिखेंगे कल
चल-चल, आज लिखेंगे कल
चल-चल, आज लिखेंगे कल
चल-चल, आज लिखेंगे कल
चल-चल, आज लिखेंगे कल



Авторы: Srijan Shukla, Vishal Bharadwaj


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