Hari Om Sharan - Ghoonghat Ke Pat Khol текст песни

Текст песни Ghoonghat Ke Pat Khol - Hari Om Sharan



घूँघट के पट खोल शखी री
मिलहैं साईं दीदारा
मिलहैं साईं दीदारा
घूँघट के पट खोल शखी री
मिलहैं साईं दीदारा
मिलहैं साईं दीदारा
मोह माया की ओढ़नी ओढ़े
मोह माया की ओढ़नी ओढ़े
दीखे नाही द्वारा
दीखे नाही द्वारा
शुण्य महल में घोर अँधेरा
शुण्य महल में घोर अँधेरा
करो नाम उजिआरा
करो नाम उजिआरा
घूँघट के पट खोल शखी री
मिलहैं साईं दीदारा
मिलहैं साईं दीदारा
गगन मंडल से अमृत बरसे
गगन मंडल से अमृत बरसे
होय अनंद अपारा
होय अनंद अपारा
अनहत की धुन, बजे निरंतर
अनहत की धुन, बजे निरंतर
सोहम का झंकारा .
सोहम का झंकारा
घूँघट के पट खोल शखी री
मिलहैं साईं दीदारा
मिलहैं साईं दीदारा
सतगुरु साहेब, की बलिहारी
सतगुरु साहेब, की बलिहारी
बांण सबद का मारा
बांण सबद का मारा
कहे कबीरा आपा खोया
कहे कबीरा आपा खोया
पाया प्राण अधारा
पाया प्राण अधारा
घूँघट के पट खोल शखी री
मिलहैं साईं दीदारा
मिलहैं साईं दीदारा
घूँघट के पट खोल शखी री
मिलहैं साईं दीदारा




Hari Om Sharan - Kabir Vani
Альбом Kabir Vani
дата релиза
08-09-2016




Внимание! Не стесняйтесь оставлять отзывы.