Текст песни Shivam - Kaala Bhairava
बलिदानों
बलिदानों
आहुतियों
आहुतियों
से
जन्मी
ये
गाथा
बरसों
से
जलती
है
बदले
की
ये
ज्वाला
क्या
मृत्यु
उस
महा
समर
की
जननी
है
जिसका
वर्णन
सृष्टि
करती
क्या
अम्बर
की
नगरी
से
वो
रखवाला
आया
जिसके
पाँव
चूमें
धरती
बलिदानी
क्या
नियति
रचने
में
है
सक्षम
नस
नस
में
जो
घोले
वो
लहू
है
शिवम
शिवम
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