Kishore Kumar - Baad Muddat Ke текст песни

Текст песни Baad Muddat Ke - Kishore Kumar




बाद मुद्दत के हम तुम मिले
मुड़के देखा तो है फ़ासले
चलते चलते ठोकर लगी
यादें, वादे, आवाज़ देते ना काश
यादें, वादे, आवाज़ देते ना काश
काश
काश
बाद मुद्दत के हम तुम मिले
मुड़के देखा तो है फ़ासले
चलते चलते ठोकर लगी
यादें, वादे, आवाज़ देते ना काश
फूल बनकर जो चुभते रहें, ऐसे काँटों को क्या नाम दें
गैर होते तो हम सोचते, कैसे अपनों को इल्ज़ाम दें
शिकवा हमसे होगा नहीं, भूली बिसरी राहों में मिलते काश
प्यार ही प्यार था हर तरफ, कल थे लोगों की आँखों का नूर
आज कोई नहीं देखता, क्या हुआ हमसे ऐसा कुसूर
ऐसा होगा सोचा था, धीरे धीरे हम भी बदल जाते काश
सारी दुनिया को चमका दिया, मेरे हंसते हुए चाँद ने
आज है खुद वोही दर-ब-दर, हमको आया था जो बाँधने
आँसू आए गिरने लगे, सूखे पत्ते यादों के उड़ जाते काश
काश
काश
बाद मुद्दत के हम तुम मिले
मुड़के देखा तो है फ़ासले
चलते चलते ठोकर लगी
यादें, वादे, आवाज़ देते ना काश
यादें, वादे, आवाज़ देते ना काश




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